♦ डा. शुभ कुमार वर्णवाल
मधुबनी मिथिला दीपक बेटा
शुभ कुमार हमर नाम यौ।
सियाक नगरी पावन भूमि
जय-जय मिथिला धाम यौ ।।
स्वर्ग सँ’ सुन्दर पावन भूमि
मिथिला हमर महान यौ;
धोती-कुर्ता-पाग-दोपटा
सुन्नर अछि परिधान यौ ।
ऋषि-मुनि-संत-सुधी-विवेकी
प्रतिभा ज्ञानक खान यौ ;
मंडन-भारतीक घरमे सुग्गा
वाचल नीति आ ज्ञान यौ ।
शंकराचार्य पराजित भेला
विदुषी भारती मान यौ ;
स्वयं महादेव चाकर उगना
खिस्सा बहुत पुरान यौ ।
कवि विद्यापति-उदयन-चंदा-
लालदास गुमान यौ ;
डीह अयाची कीर्ति अमर अछि
शंकर सुत गुणवान यौ ।
ज्ञानी जनक बनल हरवाहा
जोतल खेत वीरान यौ ;
जनक नन्दिनी सीता बनलीह
कण-कण मे विद्यमान यौ ।
पुष्प वाटिका मोहक सुषमा
सीता देखल श्री राम यौ ;
शिव धनु तोड़िक’ पाहुन बनलाह
पुरुषोत्तम भगवान यौ ।
दूर होयत कखन समस्या
बाढ़ि-सुखाड़ सँ’ त्राण यौ ;
हाल किसानक पिछड़ल मिथिला
खेती आ खरिहान यौ ।
युवा लोकनि सब गाम छोड़िक’
मुंबई- दिल्ली- आसाम यौ ;
कृषक हमर जे भूमिपुत्र छथि
रोटी लेल फिरेशान यौ ।
पग-पग पोखरि माछ-मखान
विज्ञ-गुणी-जन शान यौ ;
गंगा-गंडक-कोसी-जीबछ
बहय कमला बलान यौ ।
कृषि आधारित होइ कारखाना
व्यवसाय हएत वरदान यौ ;
चहुदिस होयत सम विकास आ
मिथिलाक हएत कल्याण यौ ।