♦ चन्द्रमोहन झा ‘पड़वा’
भगवान अहाँके मन्दिरमे,
हम नव पुजारी आयल छी ।
पुजाक लेल नहि किछु आनि सकल,
हम ओहिना तँ चलि आयल छी ।।
भगवान–––
हृदयकें मन्दिर बना मूर्ति,
अपनेकेँ हम बैसौने छी।
भगवान दिय पुजाक शक्ति,
हम अहिक शरणमे आयल छी ।।
भगवान––––
गजराज –द्रोपदीक सुनि वाणी
संकटसं अहाँ बचा लेलहुँ ।
आब हमर समय आयल प्रभु
हम मोन पारय लेल आयल छी ।।
भगवान–––
ईष्र्या–द्वेष भरल जगमे
किओ अपन मित्र नहि सुझि रहल
सुनि नाम अहाँके दीनबंधु
ल’ अपन निवेदन आयल छी ।।
भगवान––––
हम दास अहिंके छी भगवन,
दोसर नहि कियो सहारा छथि ।
बस एक बेर तँ दर्शन दी
हम दर्शनकें अभिलाशी छी ।।
भगवान––––