→ सुजीत कुमार झा
सतिश कुमार सिंह नेतृत्वक सरकारक एक सय दिन पूरा भेलापर काजक विवरण सार्वजनिक करए बुधदिन पत्रकार सम्मेलन कएल गेल छल । ओ सम्मेलनमे जखन मुख्यमन्त्री सिंह जनकपुरधामक एकटा होटेलमे पहुँचलथि तँ कुर्सीपर गन्दा लागल छल ।
ओ गन्दा देखलाक बाद मुख्यमन्त्री किछुदेर रुकि गेलथि । तखन धरफरमे होटेलक कर्मचारी साफ कएलक आ फेर मुख्यमन्त्रीजी ओहिपर बैसलथि ।
कोनो नव वा नाम नहि चलल होटेल छल तेहन नहि । बराबर कार्यक्रम होबएवला ओ होटेल छल । जनकपुरधाम ४ स्थित चिल्ड्रेन पार्कक आगाँमे रहल मसाला कटेज होटेलक ओ अव्यवस्था छल ।
प्रदेश बनलाक किछुए दिनक बाद बारा पर्साक प्रदेश सांसदसभ एहिठाम सामानसभ बहुत महंग अछि सेवा सेहो बढि़या नहि अछि कहि जनकपुरधाम राजधानी नहि बनाएल जाए आबाज उठौने रहथि । एहिकेँ लऽ कऽ जनकपुरधामक व्यापारीसभ बहुत दुःखीत रहथि । होटेल व्यवसायीसभ विभिन्न मञ्चपर वारा पर्साक प्रदेश सांसदसभकेँ आलोचनाधरि कएलन्हि । अहुँबेर जनकपुरधाम उद्योग वाणिज्य संघक चुनाबमे ओ इस्यु बनल छल । वारा पर्साक सांसदसभ झूठ आरोप लगौलन्हि एतेकधरि कहलन्हि ।
मुदा मुख्यमन्त्रीक कुर्सीधरि मसाला कटेजमे गन्दा भेटब एकरा कि कहल जाए ? कि एहनो सुधार हमसभ नहि कऽ सकैत छी ? सस्ता महँगसँ बेसी सेवा देबएमे कंन्जुस्याइ कथिलए ? ई बहस बनए पड़लैक ।
मुख्यमन्त्रीक सेवा नहि दऽ सकएवला होटेल आम लोककेँ कि करैत हएत सहजे अनुमान लगाउल जा सकैत अछि । मुख्यमन्त्री कार्यालय आयोजना कएने छल, स्वभाविक छैक मगनीमे कार्यक्रम नहि भेल हेतैक । पैसा लेलाक बादो एहि क्षेत्रक सभसँ शक्तिशाली व्यक्तिसँग सेहो एहन व्यवहार !
आश्चर्य लागत मुख्यमन्त्रीकेँ कुर्सी साफ नहि कऽ सकल ओ होटेल ३० घण्टा बितलाक बादो क्षमाधरि नहि मांगि सकल अछि । भेलै भेलैक, अहिना होइत छैक ।
पत्रकार भेलाक कारणेँ समाचार संकलनक लेल बराबर होटेलसभमे हमसभ जाइत रहैत छी । मोलक विषयमे बहुत बात नहि बुझल रहैत अछि तखन २० गोटेक भोजनमे सेहो घटि जाइत अछि । जनकपुरधामक नाम चलल दूटा होटेलमे तँ दूटासँ तीनटा समान प्रायः घटले रहैत अछि । एकर जबाब नहि होटेल दैत अछि आ नहि आयोजक । फेर ओ होटेलमे बराबर कार्यक्रम होइत अछि ।
होटेलमे मुख्यमन्त्रीक कुर्सीपर गन्दाक समाचारपर बहुत प्रतिक्रियासभ आएल । मधेशे प्रदेशक एकटा वरिष्ठ कर्मचारी आइ भोरमे कहथि रहथि – कुर्सी साफ अछि कि नहि तखर खोजी मुख्यमन्त्री कार्यालयकेँ सेहो लेबाक चाही । भारतमे कोनो मुख्यमन्त्रीसंग एना भेल रहथि तँ कएटा कर्मचारी निलम्बित भेल रहति । ओ होटेल कारीसूचिमे परि जाइत मुदा ई नेपाल छैक, मधेश प्रदेश छैक । निलम्बन आ कारी सूचिक बात बइमानी हएत ।
फेर उएह होटेलमे सेहो कार्यक्रम हेतैक । मुख्यमन्त्रीजी वा मन्त्रीजीसभ अबितए रहता भलहि हुनका अपमान होइत रहए ।
मुदा एकटा प्रश्न तँ बनैत छैक जनकपुरधाममे कोनो कार्यक्रम नहि कऽ बर्दिवास वा प्रदेशक अन्यठामक होटेलमे किओ कार्यक्रम करए चाहैत अछि तँ नैतिकता हमरासभकेँ रोकए नहि दैत । सेवासुविधा नहि देबैक आ कहबैक जनकपुरधाममे कार्यक्रम नहि कऽ दोसरठाम करैत अछि ? प्रतिस्पर्धाक बजार छैक ई सत्यकेँ बुझए पड़त ।
ई छथि हमर अहाँक जनकपुर, ई छैक सीताक जनकपुर कहलासँ मात्र नहि हएत हृदय चौड़ा करए पड़त । राजधानीवासी छी तँ ओहिरुपसँ काज कऽ कऽ देखाबए पड़त । एहन गैरजिम्मेवार व्यक्ति वा संस्थासभकेँ जनकपुरधामक हितक लेल कारबाइ आवश्यक अछि । एहिठामक बजार व्यवसायकेँ सुधारक बात करएवलासभकेँ किछु एहनो बात सोचए पड़त ।