हिन्दु धर्म आ संस्कृतिमे भगवान गणेशजी सर्वप्रथम पूजनीय और प्रार्थनीय छथि । हुनक पूजाके बिना कोनो मंगल कार्य शुभ नहि मानल गेल अछि । जे किओ हुनक पूजाक बिना मंगल कार्यके शुरुवात करैत अछि त ओहिके अशुभ मानल जाइत अछि । प्रत्येक धर्ममे गणेशजीके कोनो नहि कोनो रुपमे पूजा या हुनक आह्वान कएल जाइत अछि ।
गणेश देवः अग्रपूज्य, गणसभक ईश गणपति, स्वस्तिक रुप तथा प्रणव स्वरुप छथि । हुनक स्मरण मात्रसँ संकट दूर भ जाइत अछि ।
मातापिताः शिव आ पार्वती
भाई बहिनः कार्तिकेय आ अशोक सुंदरी
पत्नीः प्रजापति विश्वकर्माक बेटी ऋद्धि आ सिद्धि
बेटाः सिद्धिसँ क्षेम आ ऋद्धिसँ लाभ नामक दूटा बेटा । लोकपरम्परामे हिनके शुभ लाभ कहल जाइत अछि ।
जन्म समयः अनुमानतः ९९३८ विक्रम संवत पूर्व भादव महिना चतुर्थीक दिन ।
प्राचीन प्रमाणः संसारक पहिल धर्मग्रन्थ ऋग्वेदमे सेहो भगवान गणेशजी सम्बन्धमे चर्चा भेटैत अछि ।
गणेश ग्रन्थः गणेश पुराण, गणेश चालीसा, गणेश स्तुति, श्रीगणेश सहस्रनामावली, गणेशजीक आरती, संकटनाशक गणेश स्तोत्र
गणेश सम्प्रदायः गणेशक उपासना करएबला सम्प्रदाय गाणपतेय कहाइत अछि ।
गणेशजीक १२ नामः सुमुख, एकदन्त, कपिल, गजकर्णक, लम्बोदर, विकट, विघ्ननाशक, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचक्र , विघ्नराज, द्वैमातुर, गणाधिपति, हेरम्ब, गजानन ।
प्रत्येक युगमे भगवान गणेश अलग अलग वाहन
सतयुगः भगवान गणेशजीक सतयुग में वाहन सिंह अछि । आ हुनक १०टा भुजा छन्हि । नाम विनायक छन्हि ।
त्रेतायुगः श्री गणेशजीके त्रेतायुगमें वाहन मयूर अछि । इएह कारण हुनका मयूरेश्वर कहल गेल अछि । । हुनक ६टा भुजा छन्हि । रंग श्वेत अछि ।
द्वपरयुगः द्वपरयुगमे हुनक वाहन मूस अछि । हुनक ४टा भुजा छन्हि । एहि युगमे भगवान गणेश गजानन नामसँ जानल जाइत छथि । रंग लाल छन्हि ।
कलियुगः कलियुगमे हुनक वाहन घोडा अछि आ वर्ण धूम्रवर्ण छन्हि । हुनक २टा भुजा छन्हि । एहि युगमे गणेशजीक नाम धुम्रकेतु अछि ।