सुजीत कुमार झा ।
परराष्ट्र मन्त्री आरजु राणा देउवाक भारत भ्रमणपर आइकाल्हि विपक्षीदलक बहुत टीकाटिप्पणी आबि रहल अछि । एकर जबाब कांग्रेस दिससँ सभसँ बेसी किओ दऽ रहल छथि तँ ओ विमलेन्द्र निधि छथि । निधि नेपाली राजनीतिमे कोनो परिचयक मोहताज नहि छथि । कांग्रेसकेँ शीर्षतहक नेता छथि । देशक उपप्रधानमन्त्री भेल छथि तँए हुनक नामक आगाँ विशेष सम्बोधन शब्द नहि रखलहुँ अछि ।
फेरसँ उएह प्रसंगपर आबि परराष्ट्रमन्त्री आरजुक बचावमे ओ बहुत जोड़सँ आगाँ आएल छथि । संसदक अन्तर्राष्ट्रिय सम्बन्ध तथा पर्यटन समितिक सोमदिनक बैसारमे नेपाल मजदुर किसान पार्टीक सांसद प्रेम सुवाल आ निधि बीच समान्य विवाद सेहो भेल छल । विषय आरजु रहथि । एकटा पार्टीक नेता भेलाक कारणेँ हुनका पार्टीक लोकक विरोधमे किओ बजैत अछि तँ बचाव केनाइ कोनो गलतो नहि भेलैक ।
मुदा हमरा मनमे अबैत अछि शेरबहादुर देउवा आ हुनक धर्मपत्नी आरजु बाहेकके नेतापर किओ टिप्पणी करैत छथि तखन ओहिरुपसँ हिनक प्रतिक्रिया किए नहि अबैत अछि ?
हम जे निधिकेँ चिन्हैत छी ओ पहाड़सँ सीधे टकराएवला लोक छथि । गिरिजाप्रसाद कोइरालाक विरोधमे ई आ चिरंजिवी बाग्ले दूइए गोटे मिलकऽ पार्टी भीतर अलगे गुट बना देलन्हि । आइ शेरबहादुर पार्टीपर कब्जा कएने छथि एकर पाछाँ निसन्देह दूगोटे पात्र छथि, जाहिमे एकटा निधि । गिरिजा बाबूकेँ पार्टी भीतर अस्तव्यस्त कऽ देने रहथि ।
हमरा जनितए जँ एकटा निधि नहि रहितथि तँ जाहिरुपसँ गिरिजा बाबूकेँ पार्टी भीतर हैकिमी चलैत छलन्हि ओ आओर क्रूर भऽ जइतथि । शेरबहादुरजीकेँ पार्टी अध्यक्ष बनावएमे हिनक बहुत बड़का योगदान अछि । मुदा जाहिरुपसँ ओ हुनक वा हुनक कनियाँकेँ भक्तिगान करैत छथि हमरासभसन लोककेँ नहि पचि रहल अछि !
ई भक्तिगान जकाँ जहिआसँ शेरबहादर देउवा विरुद्ध पार्टी सभापतिमे लड़लथि ओहिदिनसँ हमरा बुझाइत अछि । सभापति देउवाक विरुद्ध शेखर कोइराला आ ई दुनू गोटे लड़ल रहथि । एकचरणक चुनाबक बाद शेखर चुनाबसँ नहि हटलथि मुदा ई मैदान छोडि़ देलन्हि । हिनका घरमे शेरबहादुरजी एलथि कि ई तहिएसँ भक्तिगान करए लगलथि । ई शेखर कोइरालाकेँ सेहो सर्मथन करए सकैत छलथि वा चुप्प भऽ सेहो सकैत छलथि मुदा सीधे खुलि गेलथि ।
ओहि चुनाबक बाद निधि एकपक्षीय रुपसँ हुनका समर्थन कऽ रहल छथि । नहि हिनका मन्त्री बनाओल गेल आ नहि अपना क्षेत्रसँ टिकट देल गेल कहुना कऽ हिनका समानुपातिक सांसद बना देल गेल । पहिने ई बहुतो सांसदकेँ टिकट दैत छलथि मुदा बितल चुनाबमे समानुपातिकसँ भगिनीधरि केँ सांसद नहि बना सकलथि ।
एकबेर एहनो भेल अछि अपने अंगनामे अर्थात जनकपुरधामक तिरहुतिया गाछीमे भेल एक कार्यक्रममे शेरबहादुरजी आएल छलथि । ओ कार्यक्रममे मञ्चपर नहि बैसएदेबएकेँ अवस्था हिनका सृजना कएल गेल छल ।
आइ हिनकासँ बेसी कहिओ हिनके कार्यकर्ता रहल महेन्द्र यादवकेँ देउवाकेँ अंगनामे पुछ होइत अछि । वितल चुनाबमे आरजु हिनका घरपर भोजन करए आएल रहथि ओ भोजनकेँ हुनक समर्थकसभ कसिकऽ प्रचार कएने छल । लगैत छल हिनक दुःखक दिन कटि गेलैक मुदा फेरसँ उएह बात उएह समस्या बादमे खुजल । हिनका घरपर आबि कऽ भोजन करएकेँ पाछाँ धनुषा निर्वाचन क्षेत्र तम्बर ३ केँ उम्मेदवार लोसपा नेता अनिल कुमार झाकेँ जीतावएकेँ छल । भलेहि ओ चुनाबमे झा नहि जीतलथि मुदा निधि ओ भोजन प्रसंगकेँ बाद झाजीक लेल आओर जीजान लगा देलन्हि ।
कोनो राजनीतिक नियुक्तमे हिनका नहि पुछल जाइत अछि । एकरबादो ओ देउवाकेँ निकट छथि असगरे बुझावएकेँ प्रयास करैत छथि । निधिसँ एकर अपेक्षा हम कम्तिमे नहि करैत छी ।
निधिमे एना परिवर्तन किए एलैक एकर पाछाँक मनोविज्ञान नहि बुझि पाबि रहल छी । हुनका एना तँ नहि लागि रहल छन्हि भक्तिगान कएलासँ कहिओ देउवाकेँ मन डोलि जाइक । फेरसँ हिनका ओहि आंगनमे उएह दबदबा भऽ जाइक वा पुनः ई पार्टी भीतर संघर्ष करए नहि चाहैत छथि जकर कारणेँ हिनकामे एना परिवर्तन तँ नहि आएल अछि ?