हमरा चाही एहन जनकपुर
प्रमोद कुमार चौधरी
जनकपुरधामक चहुंओर मन्दिरक गर्भगृहसँ निकलैत घड़ी घण्टाक मधुर ध्वनी, सुगन्धीत धूपदीपक सुगन्धसँ गमकैत वातावरण जनकपुरधामके पृथक बनबैत अछि । एहि मन्दिरसँ ओहि मन्दिरधरि जाइत धार्मिक पर्यटक जनकपुरधामक कला—संस्कृतिसँ जुड़ल व्यवसायीक प्रतिष्ठान सभ, विभिन्न उपयोगी सामान, परिधानक दोकानमे पर्यटकक भीड़, माथपर तिलक–चन्दन लागल व्यवसायी, धर्म संस्कृतिक गाथा सुनवैत सवारीकेँ गन्तव्यधरि पहुँचाबैत अटो, रिक्सा आ गाड़ी चालक, मिथिलाक भोजन, मिथिलाक पहिरनसँ जनकपुरधाम आओर विशिष्ट बनैत अछि ।
मिथिलाक भोजन, मिथिलाक पहिरनसँ जनकपुरधाम, चकमक सुन्दर आकर्षक सड़क आ सड़कक दुनू भागमे मिथिलाक कला–संस्कृतिसँ जुड़ल तस्वीर, राजा जनकक विशाल दरबार, जानकी मन्दिरक पवित्रता आ सुन्दरता आर वेसी निखारबाक प्रयास, श्रीराम मन्दिरक सौन्दर्यकरण आ श्रीरामन्दिरसँ जानकी मन्दिरधरि पैदल यात्री मात्र चलबाक व्यवस्थाक संगहि विद्युतीय पोलसब मे रामधुन बजैत मधुरसंगीत मे वातावरण, परिक्रमा भीतरमे त्रेता युगिन पौराणिक आ ऐतिहासिक सरोवर सभहक जिर्णोद्धार, राजाजनक राज्यकेँ गाथा श्रतरव्य आ सदृष्य देखबैत नाटक घर आ चलचित्र मन्दिर, चुस्त दुरुस्त प्रशासन इमान्दार आ मृदुभाषी राष्ट्र सेवक धर्म आ धार्मिक आस्था प्रति इमान्दार विकास प्रेमी नेता आ गरीबक पहुँचबला स्वास्थ्य संस्था, अस्पताल, ज्ञानभूमि तपोभूमिक रुपमे प्रख्यात एहि धरापर राजर्षि जनक विश्वविद्यालय सन विद्यापीठक उन्नयनक आवश्यकता अछि ।
चकमक सुन्दर आकर्षक सड़क आ सड़कक दुनू भागमे मिथिलाक कला–संस्कृतिसँ जुड़ल तस्वीर, राजा जनकक विशाल दरबार, जानकी मन्दिरक पवित्रता आ सुन्दरता आर वेसी निखारबाक प्रयास, श्रीराम मन्दिरक सौन्दर्यकरण आ श्रीरामन्दिरसँ जानकी मन्दिरधरि पैदल यात्री मात्र चलबाक व्यवस्थाक संगहि विद्युतीय पोलसब मे रामधुन बजैत मधुरसंगीत मे वातावरण, परिक्रमा भीतरमे त्रेता युगिन पौराणिक आ ऐतिहासिक सरोवर सभहक जिर्णोद्धार, राजा जनक राज्यकेँ गाथा श्रतरव्य आ सदृष्य देखबैत नाटक घर आ चलचित्र मन्दिर, चुस्त दुरुस्त प्रशासन इमान्दार आ मृदुभाषी राष्ट्र सेवक धर्म आ धार्मिक आस्था प्रति इमान्दार विकास प्रेमी नेता आ गरीबक पहुँचबला स्वास्थ्य संस्था, अस्पताल, ज्ञानभूमि तपोभूमिक रुपमे प्रख्यात एहि धरापर राजर्षि जनक विश्वविद्यालय सन विद्यापीठक उन्नयनक संगहि अनेक विद्यालय सभमे सुसंस्कारक संगहि उच्च शिक्षा जाहिसँ देश विदेशसँ ज्ञान आर्जित करबाक लेल आकर्षित विद्यार्थी जाहि कारण फेरसँ जनकपुरधाम वर्तमानमे ज्ञानभूमिक पहिचान कायम कऽ सकए, माता सीता आ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चन्द्र भगवानक विवाह स्थली जनकपुरधामकेँ विश्व विवाह भूमि वनयबाक लेल राजनेता, राजनीतिकर्मी आ साधु सन्तक सत्प्रयास होएबाक चाही एहने अनेक सत् प्रयास, इमान्दार चिन्तनसँ जनकपुरधामक पौराणिक आध्यात्मिक धार्मिक आ ऐतिहासिकता फेरसँ संसारधरि पहुँचावएमे हमसभ सफल भऽ सकैत छी ।